स्कूलों, बैंकों और दफ्तरों में अग्निशमन यंत्र नहीं लगाने पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से मांगा जवाब

प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों, बैंकों और दफ्तरों में आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। 


 

खटीमा निवासी विनोद ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों, बैंकों और कार्यालयों में अग्निकांड से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र या अन्य सिस्टम नहीं हैं। यह भी कहा कि जिन संस्थानों में ये यंत्र लगे भी हैं तो उनकी हालत बहुत ही खराब है।

कई स्थानों पर आग बुझाने के लिए पानी तक नहीं मिलता। याचिकाकर्ता का कहना था कि कई प्रकरणों में अग्निशमन विभाग लाइसेंस तक जारी नहीं करता है। कोर्ट ने विनोद के इस पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 फरवरी की तिथि नियत की है।